आदिवासियों विलुप्त क्यों हो रहे है-------
एक समय था जब जनसंख्या में सबसे ज्यादा लोग आदिवासी थे,पर अब आदिवासी ही विलुप्त होने के कगार पर हैं। पर ऐसा क्यों????
ऐसा में आदिवासियों का अस्तित्व धीरे धीरे ख़त्म हो जाएगा। जैसा कि कुछ जनजातीय विलुप्त होने के कागार पर हैं--बिरहोर जनजाति,असुर जनजाति,माल पहाड़ियां जनजाति इत्यादि।।।।।
"Here there is only sadness
We need the Jungle."
--Narendra
इसका परिणाम इनके त्यौहार, संस्कृति, परंपराओं पर असर हो रहा है।
इसका जिम्मेदार कौन है??
अगर आदिवासी है-तो क्यों नहीं अपने संस्कृति परंपराओं को नहीं अपनाया गया है
या संसाधनों की कमी से ये त्यौहार विलुप्त हो रहे हैं।
जैसा कि
सोहराय- इस त्योहार में घरों को मिट्टी से लेपते है और घर की दीवारों पर अनेक चित्रकलाओं देखते हैं ,पर अब हमारे सारे घर पक्का होने जा रहा है तो हमारे त्योहार पर असर हो रहा है।
शिकार त्यौहार--इस त्योहार में जंगल में जानवरों का शिकार किया जाता है जो इस त्योहार भी विलुप्त होने पर हैं।और जंगल भी खत्म हो जा रहा है इसका जिम्मेदार कौन है? आदिवासी या अन्य,,,,,,,,,,,,,,,
"यदि जंगल को दिल माने
तो उसकी धड़कन आदिवासी हैं"
क्या बदलते हालात को देखते हुए हमलोग को भी बदलना चाहिए या नहीं??
क्या हमारे त्यौहार पर भी कुछ अपडेट किया जाना चाहिए??
अगर इस सबका हल नहीं निकला तो आने वाले दिनों में हमारे बच्चे सिर्फ फ़ोटो में ही देखेंगे,,,,,,।
20 टिप्पणियाँ
Dhire dhire astitva aadivasiyon ki khatm ho rahi hai
जवाब देंहटाएंBahut acha,,,,,
हटाएंLekin Q ho raha hai
Aise hi karna chahie
हटाएंGood job .
जवाब देंहटाएंIsse tarah samaj ke sath jude rhe
🙏🙏
हटाएंThank u
जवाब देंहटाएंBhut khoob
जवाब देंहटाएंThank you
हटाएंGood information 👆👆
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंThank you
हटाएं✍️✍️✍️
जवाब देंहटाएंThank you
हटाएंSuper
जवाब देंहटाएंThank you
हटाएंThank you
जवाब देंहटाएंBahut acha
जवाब देंहटाएंWonderful
जवाब देंहटाएं👍👍👍
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंJohar