लाल चींटी आदिवासियों का फेवरेट रेसिपी है । जानें वज़ह.....................
आदिवासियों के द्वारा बनाई जाने वाली लाल चींटी का चटनी काफी फायदेमंद एवं स्वादिष्ट होता है।जो जंगलों में ही पाये जाते हैं।
लाल चींटी कई प्रकार के होते हैं लेकिन जो चटनी बानये जाने वाले चींटी सिर्फ जंगलों में ही पाए जाते हैं,जिसे हम जंगली लाल चींटी (Forest Red Ant) भी कहते हैं।
लाल चींटी अधिकतर कंरज, साल,आम, अमरूद, कुसुम पेड़ों में ही घर बसाते हैं।
आदिवासियों का आर्थिक स्थिति को भी मददगार साबित होती है।।।
लाल चींटी का चटनी घर का रेसिपी होने के साथ बाज़ार में भी बेचा जाता है जिससे आर्थिक स्थिति में मददगार साबित होता है। लाल चींटी का चटनी भारत के साथ साथ वर्ल्ड में भी फेमस है।जिससे बाजारों में लाल चींटी का डिमांड दिन ब दिन बढ़ती जा रही है।।
कैसे बनाईं जाती है लाल चींटी का चटनी
1. चींटी, अंडों,और लार्वा को मौजूदा कणों को अलग करके साफ करते हैं।
2. मिश्रण में टमाटर, लहसुन, मिर्च, धानिया ,ओल मिलता है।
3. मिश्रण करके पेस्ट बनाया जाता है, जिससे लाल चींटी का चटनी तैयार हो जाता है।
4. जिसमें 5 या 10 मिनट का समय लगता है।
क्या फायदेमंद है लाल चींटी का चटनी
आदिवासियों इस चटनी को बड़ी ही माजे के साथ खाते है। अधिकतर आदिवासी लोग इस हंडिया के साथ ज्यादा खाना पसंद करते हैं।"फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन"जर्नल में प्रकाशित शोध से पता चलता है कि लाल चींटी खाने में फार्मिक अम्ल, प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन बी-12, जिंक और आयरन होता है।जो हमारे शरीर के लिए एवं इम्यून सिस्टम में काफी फायदेमंद साबित होता है। आदिवासियों का कहने है कि हम इसे औषधि के रूप प्रयोग लाते हैं जिसे मलेरिया,डेगुं, जैसे खतरनाक बिमारियों से बचाते हैं।
कहां पाए जाते हैं लाल चींटी.......
भारत के छत्तीसगढ़, ओड़िशा, झारखंड इत्यादि जंगलों में अधिकतर पाए जाते हैं।
अलग अलग जगहों में अलग अलग नामों से जाने जाते हैं जैसे कि हाऊ,छपरा,डेमटा, इत्यादि नामों से जाने जाते हैं।।।
धन्यवाद



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Johar